देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
Lord, if the ocean was churned and the deadly poison emerged, out of Your deep compassion for all, You drank the poison and saved the world from destruction. Your throat turned blue, As a result You're often called Nilakantha.
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से shiv chalisa lyricsl बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥